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प्रशासक प्रफुल पटेल ने दमण के नये मास्टर प्लान को दी मंजूरी: आज से होगा लागू

असली आजादी न्यूज नेटवर्क, दमण 23 अक्टूबर। संघ प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमण-दीव तथा लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल ने दशहरे के शुभ अवसर पर दमणवासियों को नये मास्टर प्लान की सौगात देते हुए दमण जिले के मास्टर प्लान (आउटलाइन डेवलपमेंट प्लान एण्ड ड्राफ्ट जनरल डेवलपमेंट रूल्स-2023) को मंजूरी दे दी है। आज दशहरे के दिन से दमण जिले में नया मास्टर प्लान लागू हो जायेगा। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में प्रशासक प्रफुल पटेल ने संघ प्रदेश थ्रीडी के तीनों जिलों में विकास के नये द्वार खोलने के लिए मास्टर प्लान तैयार करवाया है। दमण जिले के मास्टर प्लान का मसौदा पहले जारी हुआ था इसलिए दमण जिले का मास्टर प्लान पहले घोषित हुआ है। आनेवाले समय में इसी तर्ज पर दीव और दादरा नगर हवेली का मास्टर प्लान को भी प्रशासक प्रफुल पटेल मंजूरी देकर वहां भी इसी तरह विकास के द्वार को खोल देंगे। गौरतलब है कि प्रशासक प्रफुल पटेल के नेतृत्व और सीधे मार्गदर्शन में दमण जिला प्रशासन के अधिकारियों ने दमण जिले का मास्टर प्लान (आउटलाइन डेवलपमेंट प्लान एण्ड ड्राफ्ट जनरल डेवलपमेंट रूल्स-2023) को प्रशासन के अधिकारियों ने पारदर्शी, निष्पक्ष तथा तटस्थ रुप से तैयार किया है। 26 जून 2023 को इस मास्टर प्लान के लिए सुझाव तथा आपत्ति आमंत्रित करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था। प्रशासन ने सुझाव एवं आपत्ति देने वाले सभी लोगों को सुनवाई का मौका भी दिया था। इस पूरी प्रक्रिया में अबतक एक भी वाद-विवाद या पक्षा-पक्षी के आरोप नहीं लगे है, जो सही में वर्तमान प्रशासन की पारदर्शिता की नीति को दर्शाता है। दमण जिले के नये मास्टर प्लान में शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र की विकास संभावनाओं को ध्यान में रखा गया है। 1961 से 2023 तक ग्रामीण क्षेत्र में जो ग्रीन जोन एवं नो डेवलपमेंट जोन जैसे निर्माण कार्य को बाधित करने वाले नियम लागू थे। जिसके चलते कुछ ही स्थानों पर विकास संभावनाएं रहती थी। यहां तक की ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक अपनी-अपनी जमीनों पर खुद के लिए नियम अनुसार प्लान पास करके मकान भी नहीं बना सकते थे। लेकिन दमण के नये मास्टर प्लान में अधिक से अधिक ग्रामीण क्षेत्र की जमीनों को डेवलपमेंट जोन में शामिल किया गया है जिसके कारण दमण जिले का ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नये आयाम देखने को मिलेंगे। इस मास्टर प्लान में ग्रामीण क्षेत्र की एफएसआई को भी शहरी क्षेत्र की एफएसआई की तर्ज पर बढा दिया है। इसीलिए ग्रामीण क्षेत्र में बिल्डिंगों एवं अपार्टमेंटों की एफएसआई बढने से लागत भी कम आयेगी और लोगों के लिए सस्ते मकान/फ्लैट बनाने का नया रास्ता खुल गया है। दमण शहर में भी गावठण जमीनों को छोडकर सर्वे नंबर वाली जमीनों में एफएसआई को 2 रखने के साथ-साथ पेईड एफएसआई 1 और टीडीआर एफएसआई 0.5 को जोडा गया है। अब बिल्डिरों को बिल्डिंग बनाते समय 3.5 एफएसआई उपलब्ध होगी। जिसके कारण बिल्डरों को अब एफएसआई की चोरी भी नहीं करनी पडेगी। बिल्डिंगों के निर्माण में सबसे ज्यादा दिक्कत फायर विभाग के नियमों को लेकर आती थी। उसे भी इस मास्टर प्लान में आसान करते हुए एकरुपता दी गयी है। जैसे पहले दमण प्रशासन प्लान की मंजूरी देते समय बिल्डिंगों के निर्माण के लिए फ्रंट, साइड एवं बैक सेटबैक जो निर्धारित करता था उसे फायर विभाग तकनीकी कारणों से नहीं मान पाता था। क्योंकि फायर विभाग नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) के हिसाब से चलता था। जिसके कारण बिल्डिंगों का निर्माण करने वाले बिल्डरों को काफी दिक्कते आती थी। नये मास्टर प्लान में प्रशासन ने फायर विभाग के लिए भी नये डीसीआर के तहत ही बिल्डिंगों की मंजूरी देने का प्रावधान सुनिश्चित किया है। जिसके कारण एक समान नियम लागू होगें जो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में एक नया आयाम होगा। कुल मिलाकर देखे तो दमण प्रशासन का मास्टर प्लान वर्ष 2047 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। आनेवाले कई दशकों तक अब दमण जिले के लिए मास्टर प्लान पर मंथन करने की जरुरत ही महसूस नहीं होगी।

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