असली आजादी न्यूज नेटवर्क, दमण 24 दिसंबर। पीएम मोदी के साथ नई दिल्ली में दादरा नगर हवेली सांसद कलाबेन डेलकर, उनके पुत्र और संघ प्रदेश थ्रीडी शिवसेना (उद्वव) पार्टी के अध्यक्ष अभिनव डेलकर तथा उनकी पुत्री दिविता डेलकर की शिष्टाचार मुलाकात को राजनीतिक रंग देने की कोशिश शुरु हो गयी है। लोकसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन डेलकर परिवार द्वारा पीएम मोदी के शुभेच्छा मुलाकात की गयी थी। डेलकर परिवार की ओर से इस मुलाकात के बाद प्रेस बयान जारी किया गया था जिसमें शिष्टाचार मुलाकात से परे हटकर दादरा नगर हवेली के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का जिक्र किया गया था। दादरा नगर हवेली में चल रही चर्चा के मुताबिक, डेलकर परिवार ने पीएम मोदी से की गयी शिष्टाचार मुलाकात को अपने राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करने का प्रयास किया है। जिसका सीधा कारण यहीं बताया जा रहा है कि शिवसेना (उद्वव) पार्टी की सभी बैठकों में शामिल होने वाले प्रदेश शिवसेना अध्यक्ष अभिनव डेलकर ने अपनी सांसद माता कलाबेन डेलकर के माध्यम से एक प्रोटोकॉल के तहत सांसद परिवार की पीएम मुलाकात का प्लेटफार्म का उपयोगकर अपने आपको 2024 से पहले भाजपा के साथ होने का संदेश देने का प्रयास किया है। जबकि उन्होंने लगातार जेडीयू और बाद में शिवसेना (उद्वव) पार्टी का साथ निभाया है जो पिछले कुछ वषार्ें से भाजपा के धूरविरोधी माने जाते है। जानकारों की माने तो भारतीय जनता पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन महत्वपूर्ण राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और आदिवासी बहुल छत्तीसगढ में प्रचंड जीत मिलने के बाद अभिनव डेलकर भाजपा की लहर पर सवार होकर लोकसभा पहुंचने की मंशा रखते है। दूसरी ओर पिछले ढाई-तीन सालों में दादरा नगर हवेली में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में प्रशासक प्रफुल पटेल द्वारा किये गये शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन सहित के प्रोजेक्ट, सामाजिक सुरक्षा, अंत्योदय योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के कारण आम जनता का मोदी सरकार के प्रति झुकाव बढ चुका है। डेलकर परिवार के खासमखास मानेजाने वाले लोग भी मोदी सरकार से प्रभावित होकर धीरे-धीरे भाजपा का दामन थाम रहे है। ऐसे में 2024 से पहले अभिनव डेलकर के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। शायद इसीलिए शिष्टाचार मुलाकात को राजनीतिक मुलाकात दिखाकर दादरा नगर हवेली में अपनी राजनीतिक जमीन बचाने का प्रयास किया जा रहा है।