असली आजादी न्यूज नेटवर्क, लक्षद्वीप 21 दिसंबर। पीएम मोदी ने दिसंबर 2020 में केंद्रशासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण-दीव के प्रशासक प्रफुल पटेल को केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासक की भी जिम्मेदारी सौंपी थी। दिसंबर 2024 में लक्षद्वीप के प्रशासक के रुप में प्रफुल पटेल का 4 साल का कार्यकाल पूरा होकर 5वें साल में प्रवेश कर चुका है। पीएम मोदी के सीधे मार्गदर्शन में प्रशासक प्रफुल पटेल ने केंद्रशासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण-दीव की तर्ज पर केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के नागरिकों को सभी प्राथमिक सुविधाएं टापुओं पर ही उपलब्ध कराने का ईमानदारी से प्रयास किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, मत्स्य सुविधा के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र में भी नई पहचान दिलाने में प्रशासक प्रफुल पटेल सफल रहे है। जानकारों की माने तो देश की आजादी के बाद लक्षद्वीप का भारत में विलय के बाद शायद पहली बार है कि समुद्र के बीचो-बीच स्थित लक्षद्वीप के नागरिकों को उनके टापुओं पर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। पूर्व के दशकों में तत्कालीन प्रशासकों द्वारा ज्यादातर समय दिल्ली में स्थित लक्षद्वीप भवन में ही बिताया जाता था। कभी कभार महीने दो महीने में एक बार तत्कालीन प्रशासक लक्षद्वीप पहुंचते थे। लेकिन वहां भी उनकी उपस्थिति राजभवन तक ही सीमित रहती थी। तत्कालीन प्रशासकों द्वारा ग्राउंड जीरो पर तो कभी उतरने की जहमत भी नहीं उठाई जाती थी। लेकिन दिसंबर 2020 में पीएम मोदी ने अपने गुजरात राज्य के साथी गृहमंत्री प्रफुल पटेल पर भरोसा जताते हुए उन्हें लक्षद्वीप का भाग्य बदलने की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। प्रशासक प्रफुल पटेल ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए लगातार लक्षद्वीप के ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर लक्षद्वीप को विकास के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए अथक प्रयास किया है। जिसका परिणाम अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है। 99 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले लक्षद्वीप के समावेशी विकास प्रक्रिया को देखकर यह दावे के साथ कह सकते है कि मोदी सरकार का सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का सूत्र इसी प्रदेश में सार्थक होता नजर आ रहा है।