असली आजादी न्यूज नेटवर्क, दमण 30 नवंबर। संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण-दीव में समय बदला, सांसद बदले लेकिन रवैया लगभग का एक जैसा ही रहा है। यहां चुने जाने वाले सांसद केंद्र सरकार में शासन करने वाली सरकार के तो साथ रहते है लेकिन संघ प्रदेश प्रशासन के प्रशासक सहित अधिकारियों के खिलाफ बयानबाजी कर दही और दूध में पैर रखे रखने की नीति अख्तियार करते आये है, जो आज भी कायम है। वर्तमान की बात करे तो दमण-दीव सांसद उमेश पटेल अपने आपको मोदी सरकार के समर्थक के रुप में पेश करते है। लेकिन लोकसभा में संघ प्रदेश प्रशासन के खिलाफ जमकर हल्लाबोल करते है। संघ प्रदेश के कार्यक्रमों में भी जब भी उनको बोलने का मौका मिलता है तब भी प्रशासन के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते है। दादरा नगर हवेली की बात करे तो भाजपा की टिकट पर जीतने वाली सांसद कलाबेन डेलकर भी केंद्र सरकार की तो तारीफ करती है लेकिन जब भी मौका मिले तब संघ प्रदेश प्रशासन पर आरोपों की झडी लगा देती है। दरअसल वर्तमान सांसदों द्वारा अपनाई जा रही दोहरी नीति से प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार का आश्चर्य नहीं होता है, क्योंकि यहां की जनता को ऐसा ही खेल देखने की आदत सी हो गई है। स्वर्गीय सांसद मोहन डेलकर 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार की जमकर तारीफ और सराहना करते रहते थे और दूसरी तरफ संघ प्रदेश प्रशासन के खिलाफ लगातार आरोप पत्र पेश करते रहते थे। पूर्व में भी जनता ने कई बार इस प्रकार की स्थिति देखी है। जानकारों की माने तो पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की स्पष्ट नीति रही है कि ”मोदी सरकार के साथ तो पूरी तरह रहो साथ, अगर दोहरी बात तो रहो विपक्ष के साथ”। जानकारों का यह भी कहना है कि संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण-दीव प्रशासन प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय के सीधे निर्देश से ही शासन व्यवस्था चलाता है। केंद्र सरकार की ओर से तय की गई नीति एवं नियमों के अनुसार इस प्रदेश की दशा और दिशा तय की जाती है। ऐसे में कोई जाकर केंद्र में या लोकसभा में यह बोले की संघ प्रदेश में ये क्यों हो रहा है वो क्यों हो रहा है? उसको गंभीरता से नहीं लिया जाता। पूर्व के सांसदों ने लोकसभा में कई बार संघ प्रदेश प्रशासन को कटघरे में खडा करने की कोशिश की थी। दर्जनों पत्र संघ प्रदेश प्रशासन के खिलाफ लिखे गये थे लेकिन उसका परिणाम शून्य ही रहा था। वर्तमान सांसदों द्वारा भी लगातार प्रशासन को पेनाल्टी कॉर्नर पर लाने के लिए लोकसभा में आरोप और पत्राचार किया जा रहा है। लेकिन 6 महीना होने को आया है मोदी सरकार की ओर से अपने प्रशासन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। इसका सीधा मतलब यहीं है कि संघ प्रदेश थ्रीडी प्रशासन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार ही कार्य कर रहा है। ऐसी स्थिति में निर्दलीय एवं अपने ही पार्टी के सांसद द्वारा बार-बार संघ प्रदेश प्रशासन पर ऊंगली उठाने की हरकत को मोदी सरकार तवज्जों नहीं दे रही है।