असली आजादी न्यूज नेटवर्क, दमण 15 दिसंबर। संसद के शीतकालीन सत्र में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर चर्चा में भाग लेते हुए सांसद उमेश पटेल ने लोकसभा में कहा कि दमण-दीव के लोग प्रदेश की आजादी यानि 1961 से ही राष्ट्रपति शासन में जी रहे है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 14 साल के बाद दमण-दीव आजाद हुआ था। जिसके चलते बाकी राज्यों एवं प्रदेशों की तुलना में हमारा प्रदेश पिछडा हुआ है। आजादी के इतने दशक के बाद भी हमारा प्रदेश लोकशाही की लोकतांत्रिक प्रणाली की मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बन पाया है। हमारा संविधान कहता है कि किसी भी प्रदेश को 6 महीने से ज्यादा राष्ट्रपति शासन में नहीं रखा जाना चाहिए, पर हम तो हमारे प्रदेश की आजादी से ही राष्ट्रपति शासन में जी रहे है। देश के अन्य राज्यों के लोगों के पास अधिकार और हक है। उनके पास लोकसभा, राज्यसभा, राज्य की विधानसभा, महाराष्ट्र जैसे राज्य की बात करे तो उनके पास एमएलसी सहित विभिन्न शक्तिशाली संस्था में प्रतिनिधित्व भेजने का अधिकार है। जबकि हमारे दमण-दीव के लोगों के पास सिर्फ एक लोकसभा सीट है। स्थानीय स्वराज संस्थाएं शक्ति विहिन है। सांसद उमेश पटेल ने प्रशासन पर संविधान का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम तथा 74वें अधिनियम का हवाला देकर स्थानीय स्वराज संस्थाओं के अधिकार को लेकर तर्क दिया। साथ ही साथ प्रशासन पर स्थानीय स्वराज संस्थाओं के अधिकार छीनने का आरोप लगाया। सांसद उमेश पटेल ने कहा कि दमण-दीव के मुक्ति दिवस 19 दिसंबर के कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा बंद करा दिया गया है और सार्वजनिक अवकाश भी रद्द कर दिया गया है।