असली आजादी न्यूज नेटवर्क, दमण 6 मार्च। लोकसभा चुनाव 2024 में अब सिर्फ 12 महीने का समय ही बचा है। ऐसे में मार्च 2023 से मार्च 2024 का साल चुनावी साल माना जायेगा। इस चुुनावी साल में संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण-दीव की स्थानीय स्वराज संस्थाओं में ढाई साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नये प्रमुख, उपप्रमुखों की नियुक्ति करने की बडी जिम्मेदारी सत्ताधारी पार्टी भाजपा के सिर है। स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुने हुए जनप्रतिनिधियों में अगले ढाई साल के लिए किसे कमान सौंपी जानी चाहिए उसको लेकर काफी चर्चा चल रही है। आधारभूत सूत्रों की माने तो स्थानीय स्वराज संस्थाओं के ज्यादातर जनप्रतिनिधियों में इस बात को लेकर एक राय है कि उनकी स्थानीय स्वराज संस्था की कमान ऐसे नेता के हाथ में हो जो सभी चुने हुए जनप्रतिनिधियों को एक साथ लेकर चले। चाहे पार्टी के कार्यक्रम हो या अभियान हो, मोदी सरकार या संघ प्रदेश प्रशासन की योजना हो या कार्यक्रम हो अपनी-अपनी स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को सक्रिय रुप से जोडकर इसे सफल बनाने का प्रयास करे। स्थानीय स्वराज संस्था की कमान संभालने वाले व्यक्ति के एक आह्वान पर सभी जनप्रतिनिधि जनता के बीच पहुंचकर केन्द्र सरकार और स्थानीय प्रशासन के आह्वान का अमल भी कराये। संघ प्रदेश थ्रीडी भारतीय जनता पार्टी को इस चुनावी साल में अपनी पसंद को दरकिनार करते हुए जनता और जनप्रतिनिधियों की पसंद को ध्यान में रखने की जरुरत है। यहां बताना जरुरी है कि संघ प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमण-दीव भारतीय जनता पार्टी अबतक अपनी मर्जी के जनप्रतिनिधि को सीधी कमान सौंपने का निर्णय लेती आयी है, जिसके चलते कई बार ज्यादातर जनप्रतिनिधि कार्यक्रमों एवं अभियानों से दूरी बनाने लगते है। जिसका खामियाजा आखिरकार पार्टी को ही भुगतना पडता है। ज्ञात हो कि मई 2023 में तीनों जिलों में स्थानीय स्वराज संस्थाओं के प्रमुखों एवं उपप्रमुखों के ढाई साल का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को अगले ढाई साल के लिए स्थानीय स्वराज संस्थाओं में प्रमुखों एवं उपप्रमुखों का चयन आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए।