– राधामाधव कॉपार्ेरेशन लिमिटेड 100 करोड से ज्यादा की प्रॉपर्टी और वामा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने एनसीएलटी में 36 करोड 46 लाख रुपये में खरीद ली कंपनी – बकायेदारों को 533 करोड रुपये के सामने मिलेंगे सिर्फ 36 करोड 46 लाख रुपये – सेंट्रल एक्साईज को 13 करोड 8 लाख रुपये के बकाये के सामने मिलेंगे सिर्फ 25 लाख रुपये – दमण जीएसटी विभाग के 10 करोड रुपये डूबने के आसार
असली आजादी न्यूज नेटवर्क, दमण 21 अगस्त। अनिल अग्रवाल की दिवालिया कंपनी राधामाधव कॉपार्ेरेशन लिमिटेड आखिरकार बिक गयी है। एनसीएलटी में वलसाड की वामा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने राधामाधव कॉपार्ेरेशन लिमिटेड को 36 करोड 46 लाख रुपये में खरीद लिया है। राधामाधव कॉपार्ेरेशन लिमिटेड की 100 करोड से ज्यादा की प्रॉपर्टी है। एनसीएलटी द्वारा जारी किये गये आदेश के मुताबिक, इन 36 करोड 46 लाख में से 36 करोड रुपये सीधे सिक्योर फाइनांशियल क्रेडिटरों को मिलेंगे। सिर्फ 46 लाख रुपये सरकार सहित के बकायेदारों के हिस्से में आयेंगे। यानि कि 50 करोड से ज्यादा के बकायेदारों के बीच सिर्फ 46 लाख बटेंगे। सबसे बडा घाटा भारत सरकार को होने जा रहा है क्योंकि सेंट्रल एक्साईज का 13 करोड 8 लाख से ज्यादा का बकाया है जिसके सामने उन्हें सिर्फ 25 लाख रुपये मिलने जा रहे है। संघ प्रदेश प्रशासन का भी 10 करोड से ज्यादा राधामाधव कॉपार्ेरेशन लिमिटेड पर जीएसटी के रुप में बकाया है। एनसीएलटी के आदेश में उसका कोई जिक्र नहीं है। संभावना है कि संघ प्रदेश प्रशासन का 10 करोड रुपये जीएसटी का बकाया डूब सकता है। राधामाधव कॉपार्ेरेशन लिमिटेड के लाखों शेयरधारकों को तो फूटी कौडी भी नहीं मिलने वाली है। गौरतलब है कि अनिल अग्रवाल और उनके परिवार ने बैंकों और निवेशकों के पैसे से ही होली-दिवाली मनाई है। आखिरकार राधामाधव कॉपार्ेरेशन लिमिटेड को दिवाला घोषितकर लाखों शेयरधारकों, सैंकडों ट्रेडसार्ें के साथ-साथ भारत सरकार का भी करोडों रुपये डूबाया है।