नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक समीक्षा में अहम फैसला लिया। आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट कंपनियों जैसे पेटीएम-फोनपे जैसे के लिए लिमिट को बढ़ाकर दोगुनी कर दिया। यानी अब वॉलेट में 1 लाख रुपए की जगह 2 लाख रुपए रखने की सुविधा उपभोक्तओं को मिलेगी। इसके साथ ही फिनटेक कंपनियों, पेमेंट कंपनियों को सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम्स- आरटीटीएस और एनईएफटी का हिस्सा बनने के लिए मंजूरी दे दी। इसका मतलब यह हुआ कि अब डिजिटल पेमेंट कंपनियां भी आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा दे सकेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया कि ये सुविधा अब नॉन बैंकिग पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स भी दे सकेंगे। मालूम हो कि आरटीजीएस और एनईएफटी एक सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम है। लेकिन अब नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम तक भी यह सुविधा दी जाएगी। यह प्रीपेड पेमेंट इस्ट्रूमेंट, कार्ड नेटवर्क्स, व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स, आदि तक बढ़ाई जा चुकी है। आरबीआई ने कहा कि इस सुविधा को बढ़ाने से वित्तीय सिस्टम में सेटलमेंट जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही देश में डिजिटल वित्तीय सुविधाओं को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। इससे पहले छह जून 2019 को आरबीआई ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए आरटीजीएस व एनईएफटी को निशुल्क कर दिया था। सभी बैंकों में यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है।
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