asliazadi
जोक्स

पति सोचेंगे

फिर शॉपिंग का चक्कर, फिर मूवी की फरमाइश…फिर वीक एंड पर होटलिंग , फिर घूमने जाने की बच्चों की फरमाईश , बीबी की नई साड़ी की डिमांड , किटी पार्टी के चक्कर , नई ज्वैलरी खरीदने की जिद्द .. इससे तो कोरोना ही भला था . न रिश्तेदारी में भागमभाग करनी पड़ती थी , न आफिस के दौरे करने परते थे , न बाजार जाकर चुन बीन कर देख भाल कर खरीददारी होती थी ,सब कुछ मोबाईल से निपट जाता था , कोरोना का बहाना सब ढ़ांक लेता था ,कितना भला था कोरोना .
पत्नी सोचेंगी
हाय कितने मजे थे , शादी के २१ बरस हो गये , इतना घरेलू काम तो इन्होने कभी नही किया , इतना साथ रहने का समय भी कभी न मिला था , थोड़ा बहुत डर था तो क्या हुआ सब कुछ ठीक ही चल रहा था , जैसा भी था पर कोरोना बड़ा भला था .
बच्चे सोचेंगे
न होमवर्क की खिच खिच न स्कूल जाने की झंझट , न परीक्षा का लफडा . ज्यादा पढ़ो तो मम्मी खुद कहती थीं कि थोड़ी देर टी वी देख लो . जरा सा खांसते थे तो मम्मी पापा कितनी चिंता करते थे , कितना अच्छा था कोरोना .
प्यार किया तो डरना क्या
कल से हम यहां नहीं मिलेंगे
प्रेमिका – क्यों, क्या हुआ…?
प्रेमी – तुम्हारी सहेली जिसे तुम बता रही थीं कि कोरोना हुआ था , बडी शरारती है.
मैं तुमसे मिलने आ रहा था , होस्टल के गेट पर मिल गई , मेरे मुंह पर छींककर कहती है.
प्यार किया तो डरना क्या !
००‍०
जीजा से फूफा
छः महीनो में ही कोरोना जीजा से फूफा हो गया है…
डर सब रहे हैं पर…
परवाह कोई नहीं कर रहा है.

(हास्य लघुकथा) तीन विचार चित्र (लेखक/ईएमएस-विवेक रंजन श्रीवास्तव)

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